Samas – Cbse Upsc

समास (Samas) – परिभाषा और प्रकार (विस्तृत जानकारी के साथ)

समास की परिभाषा

संस्कृत और हिंदी व्याकरण में ‘समास’ का अर्थ है संक्षिप्तीकरण। जब दो या अधिक शब्द आपस में मिलकर एक नया सार्थक शब्द बनाते हैं और उनके बीच का विभक्ति चिह्न (जैसे – का, के, की, से, में, पर, आदि) हट जाता है, तो उसे समास कहते हैं।

🔹 सरल परिभाषा:
👉 समास वह प्रक्रिया है जिसमें दो या अधिक शब्दों को मिलाकर एक नया छोटा शब्द बनाया जाता है।

📌 समास के उदाहरण:

  1. राजा का महलराजमहल
  2. सूर्य के समानसूर्यतुल्य
  3. जल से भराजलपूर्ण
  4. राम और लक्ष्मणराम-लक्ष्मण

🔰 समास के प्रकार (Types of Samas)

समास को मुख्यतः छह प्रकारों में विभाजित किया जाता है:

Types of Samas समास का प्रकारपहचानउदाहरण
1️⃣ द्वंद्व समास“और” या “अथवा” का भावमाता-पिता (माता और पिता)
2️⃣ तत्पुरुष समासविभक्ति लुप्त होती हैराजमहल (राजा का महल)
3️⃣ अव्ययीभाव समासपहला शब्द अव्यय (अपरिवर्तनीय) होता हैप्रतिदिन (हर दिन)
4️⃣ द्विगु समासपहला पद संख्यावाचक होता हैत्रिलोक (तीन लोक)
5️⃣ बहुव्रीहि समासनए शब्द का कोई पद प्रधान नहीं होताचंद्रमुखी (जिसका मुख चंद्र जैसा हो)
6️⃣ कर्मधारय समासपहला शब्द विशेषण होता हैमहायोद्धा (महान योद्धा)

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1️⃣ द्वंद्व समास (Dwandva Samas)

जब समस्त पदों (शब्दों) का स्वतंत्र अस्तित्व बना रहता है और उनमें ‘और’ या ‘अथवा’ का भाव होता है, तो उसे द्वंद्व समास कहते हैं।

🔹 पहचान:

👉 इसमें दोनों शब्द समान रूप से प्रधान होते हैं।

🔹 उदाहरण:

  • राम और लक्ष्मणराम-लक्ष्मण
  • पिता और पुत्रपिता-पुत्र
  • दिन और रातदिन-रात

2️⃣ तत्पुरुष समास (Tatpurush Samas)

जब समस्त पदों में से दूसरा पद प्रधान होता है और पहला शब्द उसका विशेषण या पूरक होता है, तो उसे तत्पुरुष समास कहते हैं। इसमें विभक्ति चिन्ह लुप्त हो जाता है।

🔹 पहचान:

👉 इसमें “का, के, की, से, को, में” आदि विभक्ति चिह्न लुप्त रहते हैं।

🔹 उदाहरण:

  • राजा का महलराजमहल
  • गंगा का जलगंगाजल
  • विद्या की प्राप्तिविद्याप्राप्ति

📌 तत्पुरुष समास के उप-प्रकार:

Types of Tatpurush Samas तत्पुरुष समास के प्रकार और उनके उदाहरण

तत्पुरुष समास का प्रकारविभक्तिउदाहरणसमास रूप
1️⃣ कर्म तत्पुरुष(को)पुस्तक को पढ़ापुस्तकपाठ
2️⃣ करण तत्पुरुष(से)बुद्धि से जानाबुद्धिगम्य
3️⃣ संबंध तत्पुरुष(का, के, की)राजा का महलराजमहल
4️⃣ अपादान तत्पुरुष(से, दूर)भय से मुक्तभयमुक्त
5️⃣ अधिकरण तत्पुरुष(में, पर)नगर में जन्मानगरज
6️⃣ संप्रदान तत्पुरुष(के लिए, को)गुरु के लिए प्रणामगुरुप्रणाम

1️⃣ कर्म तत्पुरुष समास

👉 जिसमें “को” का लोप हो जाता है, उसे कर्म तत्पुरुष कहते हैं।
🔹 उदाहरण:

  • पुस्तक को पढ़ापुस्तकपाठ
  • फल को खायाफलभक्षण
  • ज्ञान को प्राप्त कियाज्ञानप्राप्ति

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2️⃣ करण तत्पुरुष समास

👉 जिसमें “से” का लोप हो जाता है, उसे करण तत्पुरुष कहते हैं।
🔹 उदाहरण:

  • बुद्धि से जानाबुद्धिगम्य
  • कलम से लिखाकलमलेख
  • तलवार से युद्ध कियातलवारयुद्ध

3️⃣ संबंध तत्पुरुष समास

👉 जिसमें “का, के, की” का लोप हो जाता है, उसे संबंध तत्पुरुष कहते हैं।
🔹 उदाहरण:

  • राजा का महलराजमहल
  • गंगा का जलगंगाजल
  • माता की कृपामातृकृपा

4️⃣ अपादान तत्पुरुष समास

👉 जिसमें “से” या “दूर” का लोप हो जाता है, उसे अपादान तत्पुरुष कहते हैं।
🔹 उदाहरण:

  • भय से मुक्तभयमुक्त
  • पाप से रहितपापनाशन
  • दुख से मुक्तिदुःखमुक्ति

5️⃣ अधिकरण तत्पुरुष समास

👉 जिसमें “में, पर” का लोप हो जाता है, उसे अधिकरण तत्पुरुष कहते हैं।
🔹 उदाहरण:

  • नगर में जन्मानगरज
  • आकाश में स्थितआकाशस्थ
  • पर्वत पर रहने वालापर्वतनिवासी

6️⃣ संप्रदान तत्पुरुष समास

👉 जिसमें “के लिए, को” का लोप हो जाता है, उसे संप्रदान तत्पुरुष कहते हैं।
🔹 उदाहरण:

  • गुरु के लिए प्रणामगुरुप्रणाम
  • देवता को अर्पितदेवार्पण
  • विद्यार्थी के लिए दानविद्यार्थीदान

🎯 निष्कर्ष (Conclusion)

तत्पुरुष समास में दूसरा पद प्रधान होता है और विभक्ति चिह्न लुप्त हो जाता है।
✅ इसके 6 मुख्य प्रकार होते हैं:
1️⃣ कर्म तत्पुरुष (को)
2️⃣ करण तत्पुरुष (से)
3️⃣ संबंध तत्पुरुष (का, के, की)
4️⃣ अपादान तत्पुरुष (से, दूर)
5️⃣ अधिकरण तत्पुरुष (में, पर)
6️⃣ संप्रदान तत्पुरुष (के लिए, को)


3️⃣ अव्ययीभाव समास (Avyayibhav Samas)

इस समास में पहला शब्द अव्यय (जो कभी बदलता नहीं) होता है और पूरा शब्द समूह भी अव्यय रूप में प्रयुक्त होता है।

🔹 पहचान:

👉 पहला शब्द हमेशा अव्यय (अपरिवर्तनीय) होता है।

🔹 उदाहरण:

  • यथासमय (समय के अनुसार)
  • सर्वत्र (हर जगह)
  • प्रतिदिन (हर दिन)

4️⃣ द्विगु समास (Dvigu Samas)

इस समास में पहला पद संख्यावाचक होता है और दूसरा पद मिलकर एक संज्ञा का निर्माण करता है।

🔹 पहचान:

👉 इसमें पहला शब्द संख्या को दर्शाता है।

🔹 उदाहरण:

  • तीन लोकत्रिलोक
  • चार वेदचतुर्वेद
  • सात घोड़ेसप्ताश्व

5️⃣ बहुव्रीहि समास (Bahuvrihi Samas)

इस समास में बने शब्द का कोई भी पद मुख्य रूप से प्रयुक्त नहीं होता, बल्कि कोई तीसरा ही अर्थ निकलता है।

🔹 पहचान:

👉 इसमें कोई भी पद प्रधान नहीं होता, बल्कि नया अर्थ बनता है।

🔹 उदाहरण:

  • चाँद जैसा मुखचंद्रमुखी (जिसका मुख चंद्र जैसा हो)
  • जिसके पास धन हैधनवान (धन वाला व्यक्ति)
  • सौ हाथों वालासहस्रभुज

6️⃣ कर्मधारय समास (Karmadharaya Samas)

इस समास में पहला पद विशेषण (Adjective) होता है और दूसरा पद संज्ञा (Noun) होती है।

🔹 पहचान:

👉 इसमें विशेषण और संज्ञा का संबंध होता है।

🔹 उदाहरण:

  • नीला आसमाननीलाम्बर
  • राजा के समान पुरुषराजपुरुष
  • महान योद्धामहायोद्धा

🎯(Conclusion for Samas)

समास भाषा को अधिक प्रभावशाली, संक्षिप्त और स्पष्ट बनाता है।
समास के मुख्य 6 प्रकार होते हैं:

  1. द्वंद्व समास (और का भाव)
  2. तत्पुरुष समास (विभक्ति लुप्त)
  3. अव्ययीभाव समास (अव्यय रूप)
  4. द्विगु समास (संख्यावाचक शब्द)
  5. बहुव्रीहि समास (तीसरा अर्थ)
  6. कर्मधारय समास (विशेषण + संज्ञा)

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